कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है। यह आपसे बहस नहीं करता, आपको सलाह नहीं देता और आपके आदेशों को बदलता नहीं है। यह केवल उन्हीं आदेशों का पालन करता है जो आप देते हैं—बिल्कुल वैसा ही।
कंप्यूटर को समझने का सबसे अच्छा तरीका है इसे जिन्न की तरह सोचना—एक ऐसा जादुई प्राणी जो वही करेगा जो आप कहेंगे।
लेकिन इसमें एक शर्त है:
यह जिन्न बड़े आदेशों को नहीं समझता। यह केवल सबसे छोटे, क्रमबद्ध आदेशों को समझता है।
उदाहरण के लिए:
अगर आप कहें: “आगे बढ़ो।” → ❌ जिन्न नहीं समझेगा।
अगर आप कहें: “कमरा सजाओ।” → ❌ फिर भी, इसे समझ नहीं पाएगा।
इसके बजाय, आपको इसे छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़ना होगा:
“अपना बायां पैर आधा फुट उठाओ।”
“उसे एक फुट आगे ले जाओ।”
“उसे नीचे रखो।”
“अब दायां पैर उठाओ।”
तब जाकर जिन्न चलेगा!
यही बिल्कुल कंप्यूटर के साथ होता है। वह आपके बड़े विचारों को “समझता” नहीं है—वह केवल विस्तृत, छोटे-छोटे आदेशों का पालन करता है।
अभ्यास 1: जिन्न को चाय बनाना सिखाइए 🍵
चाय बनाने के लिए चरण-दर-चरण आदेश लिखिए। याद रखिए, कोई शॉर्टकट जैसे “चाय बना दो” नहीं चलेगा। बहुत ही स्पष्ट और क्रमबद्ध लिखिए।
👉 उदाहरण (अधूरा):
रसोई में जाओ।
अलमारी खोलो।
एक कप निकालो।
कप को मेज़ पर रखो।
केतली में पानी भरो।
केतली को ऑन करो।
…
🔍 ध्यान दीजिए कि कितने छोटे-छोटे कदम होते हैं! एक प्रोग्रामर को इसी स्तर की गहराई से सोचना होता है।
क्या कंप्यूटर बुद्धिमान है?
आपने लोगों को कहते सुना होगा: “कंप्यूटर बहुत बुद्धिमान हैं।”
सच्चाई यह है: कंप्यूटर बिल्कुल भी बुद्धिमान नहीं है।
वह केवल स्मार्ट लगता है क्योंकि वह लाखों छोटे-छोटे आदेशों को बहुत तेजी से कर सकता है।
सोचिए:
अगर कंप्यूटर सच में अपने आप सोचने लगे, तो वह उपयोगी नहीं रहेगा। कल्पना कीजिए, आप जिन्न से कहते हैं:
“चाय बना दो।”
और वह जवाब देता है: “नहीं, चाय में कैफ़ीन है। मैं तुम्हें कॉफ़ी लाता हूँ।”
क्या यह मददगार है? नहीं।
यह तो नौकर नहीं, बाग़ी बन गया!
कंप्यूटर शक्तिशाली इसलिए है क्योंकि वह आज्ञाकारी है, न कि इसलिए कि वह सोच सकता है।
अभ्यास 2: गलती पहचानिए ⚠️
ये आदेश किसी ने जिन्न को दिए:
एक कप निकालो।
उसमें पानी डालो।
उसमें चायपत्ती डालो।
पी लो।
❓ इसमें क्या गलती हुई?
👉 जिन्न ने वैसा ही किया जैसा कहा गया। लेकिन चूंकि आदेशों में पानी उबालने का ज़िक्र नहीं था, नतीजा यह हुआ कि आपको ठंडे पानी में तैरती हुई चायपत्तियाँ पीनी पड़ीं। छी!
पाठ: अगर आपके आदेश अधूरे हैं, तो भी कंप्यूटर उनका पालन करेगा—लेकिन परिणाम गलत होगा।
आगे: कंप्यूटर की भाषा
अब जब हमें पता चल गया कि जिन्न आदेशों का चरण-दर-चरण पालन करता है, अगला सवाल उठता है:
हमें उससे किस भाषा में बात करनी चाहिए?
यही हम अगले अध्याय में सीखेंगे—कंप्यूटर की भाषा।
👉 Do you also want me to embed your photos (like inline images in Substack) along with the text, or should I keep it clean text-only for now?